(Radha Janmashtami 2025: Do’s & Don’ts)
भारत की आध्यात्मिक परंपरा में राधा रानी का स्थान सबसे ऊँचा माना गया है। जिस प्रकार श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है, उसी प्रकार राधा को भक्ति की देवी माना गया है। राधा जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि भक्ति, प्रेम और आस्था का उत्सव भी है।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि राधा जन्माष्टमी पर क्या करना चाहिए और किन बातों से बचना चाहिए।
✨ राधा जन्माष्टमी का महत्व
- राधा रानी को श्रीकृष्ण की परम शक्ति और उनकी आंतरिक ऊर्जा माना जाता है।
- भक्त राधा रानी के पूजन से सच्चे प्रेम, शांति और भक्ति की प्राप्ति करते हैं।
- यह पर्व वृंदावन, बरसाना और पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- माना जाता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और भक्त को दिव्य प्रेम का आशीर्वाद मिलता है।
🌼 राधा जन्माष्टमी पर क्या करें (Do’s)

1. प्रातःकाल स्नान और संकल्प
👉 सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
👉 भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
2. घर को सजाएँ
👉 घर में राधा-कृष्ण की मूर्तियों या चित्रों को फूलों, बंदनवार और रंगोली से सजाएँ।
👉 वातावरण को शुद्ध और भक्तिमय बनाने के लिए धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएँ।
3. व्रत और उपवास
👉 भक्त प्रायः इस दिन फलाहार या निर्जला व्रत रखते हैं।
👉 व्रत का उद्देश्य शरीर को नहीं बल्कि मन को शुद्ध करना है।
4. भजन-कीर्तन करें
👉 राधा-कृष्ण के भजन, कीर्तन और मंत्रजप का आयोजन करें।
👉 “राधे राधे” नाम का जप करने से मन में शांति और आनंद आता है।
5. राधा-कृष्ण की पूजा विधि
- कलश स्थापना करें।
- राधा-कृष्ण का पंचामृत स्नान (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल) कराएँ।
- चंदन, फूल, तुलसी-दल और मिठाई का भोग लगाएँ।
- आरती करें और परिवार व मित्रों के साथ प्रसाद बाँटें।
6. दान और सेवा
👉 इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या दान दें।
👉 मंदिर में सहयोग करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
7. कथाएँ और लीलाएँ सुनें
👉 राधा-कृष्ण की प्रेम कथा और लीलाएँ सुनें या बच्चों को सुनाएँ।
👉 इससे परिवार में भक्ति का भाव बढ़ता है।
🚫 राधा जन्माष्टमी पर क्या न करें (Don’ts)
1. अशुद्ध वस्त्र और गंदगी
❌ गंदे या अपवित्र वस्त्र पहनकर पूजा न करें।
❌ घर में गंदगी और अव्यवस्था रखने से पूजा का फल कम हो जाता है।
2. मांसाहार और नशा
❌ इस दिन मांस, मछली, अंडा और शराब जैसी चीजों का सेवन न करें।
❌ यह भक्ति और शुद्धता के खिलाफ है।
3. क्रोध और अपशब्द
❌ क्रोध, झगड़ा या अपशब्दों का प्रयोग न करें।
❌ राधा-कृष्ण प्रेम और सौहार्द के प्रतीक हैं, इसलिए इस दिन शांत और मधुर वाणी बोलें।
4. अनावश्यक खर्च
❌ दिखावा करने या केवल दिखाने के लिए पूजा न करें।
❌ यह पर्व आडंबर से नहीं बल्कि सच्ची भक्ति से मनाना चाहिए।
5. झूठ और छल
❌ झूठ बोलने या किसी का दिल दुखाने से बचें।
❌ राधा रानी को सच्चे मन से किया गया भक्ति-पथ सबसे प्रिय है।
6. अनियमित पूजा
❌ केवल सुबह या शाम थोड़ी देर पूजा करके छोड़ न दें।
❌ दिनभर यथाशक्ति भक्ति, नामजप और सेवा में मन लगाएँ।
🙏 जीवन में राधा जन्माष्टमी से मिलने वाले संदेश
- सच्चा प्रेम: राधा और कृष्ण का संबंध भक्ति और दिव्य प्रेम का प्रतीक है।
- त्याग और सेवा: राधा रानी ने कभी अपने लिए कुछ नहीं माँगा, हमेशा कृष्ण की सेवा और भक्ति की।
- आस्था और भक्ति: यह दिन हमें सिखाता है कि भक्ति ही मोक्ष और सच्चे आनंद का मार्ग है।
🌟 निष्कर्ष
राधा जन्माष्टमी केवल पूजा-पाठ का दिन नहीं है, बल्कि यह भक्ति, प्रेम, त्याग और शांति का संदेश देता है। इस दिन यदि हम क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए की मर्यादाओं का पालन करते हैं तो हमें राधा रानी और श्रीकृष्ण दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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